शर्मनाक: प्रिंसपल के कैबिन में गई छात्रा, बाहर निकली तो मच गया हड़कंप
आप ये खबर पढ़कर चौंक जाएंगे। कोई सोंच भी नहीं सकता कि जिस स्कूल का नाम देश में अनुशासन और स्टडी करिकुलम के लिए टॉप 10 में शामिल हो। उस स्कूल में प्रिंसपल जैसे अहम पद पर विराजमान व्यक्ति छात्राओं से शर्मिंदा कर देने वाली घिनौनी हरक
लखनऊ: आप ये खबर पढ़कर चौंक जाएंगे। कोई सोंच भी नहीं सकता कि जिस स्कूल का नाम देश में अनुशासन और स्टडी करिकुलम के लिए टॉप 10 में शामिल हो। उस स्कूल में प्रिंसपल जैसे अहम पद पर विराजमान व्यक्ति छात्राओं से शर्मिंदा कर देने वाली घिनौनी हरकत को अंजाम देता होगा। हम बात कर रहे हैं राजधानी स्थित नेशनल इंटर कालेज की जहां मंगलवार को छात्राओं ने प्रिंसपल पर अश्लीलता और अभद्रता करने का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा काटा। इतना ही नहीं छात्राओं ने थाने जाकर प्रिंसपल के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा तक दर्ज करवा दिया। देश में अपने नाम से विशेष पहचान बनाने वाले इस स्कूल के प्रिंसपल पर लगे गंभीर आरोपों से एक बार फिर स्कूलों में छात्राओं की अस्मत की सुरक्षा की गारंटी पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं।
डीआईओएस की कमेटी ने शुरू की जांच
डीआईओएस डॉ मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि नेशनल इंटर कालेज में प्रिंसपल उमाशंकर सिंह के खिलाफ छात्राओं ने गंभीर आरोप लगाए थे। इतना ही नहीं उन्होंने हजरतगंज थाने में छेड़छाड और पाक्सो एक्ट के तहत मुकदमा भी दर्ज करवाया था। छात्राओं का आरोप है कि प्रिंसपल उन्हें फोन करके परेशान करते थे और कैबिन मे बुलाकर गलत नीयत से छेड़ते थे। इन आरोपों की जांच के लिए दो सदस्यीय कमेटी बनाकर जांच की जा रही है। यह कमेटी तीन दिन में अपनी जांच रिपोर्ट सौंपेगी। अगर जांच मे आरोप सही पाए गए तो स्कूल प्रशासन के खिलाफ कठोर विभागीय कार्यवाही की जाएगी।
जांच टीम ने दर्ज किए छात्राओं के बयान
डीआईओएस द्वारा गठित दो सदस्यीय जांच कमेटी में सह निरीक्षक आंग्ल भारतीय विदयालय रीता सिंह और सह निरीक्षक विमलेश कुमार शामिल हैं। जांच टीम ने अपनी जांच के पहले दिन प्रिंसपल पर आरोप लगाने वाली लड़कियों के बयान दर्ज किए। इसके अलावा पुलिस ने भी छात्राओं के बयान दर्ज किए। जांच टीम का कहना है कि अभी दूसरे पक्ष से भी वार्ता की जाएगी। इसके बाद सीलबंद लिफाफे में जांच कमेटी अपनी रिपोर्ट डीआईओएस और जिलाधिकारी महोदया को सौंपेगी।
गोलबंदी बनी हंगामे की वजह
नेशनल इंटर कालेज के सूत्रों की मानें तो लखनऊ के ही सत्ताधारी दल से संपर्क रखने वाले व्यक्ति की बेटी प्रिंसपल के केबिन में अपना रिजल्ट लेने गई थी। वहीं पर प्रिंसपल से कुछ बहस हुई और इसके बाद ही ये हंगामा हुआ। इस हंगामें में प्रिसपल के विरोधी गुट के शिक्षक मामले को हवा देते नजर आए। इतना ही नहीं ये पूरा मामला ही गोलबंदी का है। प्रिंसपल सख्ती करते थे , जो कई लोगों को नागवार था। इस पूरे मामले को तूल पकड़ाने का काम इन्हीं लोगों ने किया है। जांच टीम अगर ढंग से जांच करेगी तो पूरा सच सबके सामने आ जाएगा1
प्रिंसपल पर लगे ये गंभीर आरोप
हजरतगंज थाने पहुंची छात्राओं ने बताया कि प्रिंसपल उमाशंकर सिंह उनका फोन नंबर हासिल करके उन्हें काल और मैसेज करते थे। बहाने से उन्हें अपने कमरे में बुलाते थे। मना करो तो गंदी गंदी गालियां देते थे। गलत नीयत से छूते थे। अगर मना करो तो फेल तक करने की धमकी देते थे।इन सभी आरोपों की जांच पुलिस और जांच कमेटी कर रही है।